बिहार : बिहार सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती परीक्षा में भारी अनियमितताओं और कदाचार की रिपोर्ट के बाद इसे रद्द कर दिया। परीक्षा रविवार को पटना के 12 ऑनलाइन केंद्रों पर आयोजित की गई थी और सोमवार को भी होनी थी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने तीन केंद्रों पर छापेमारी कर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का खुलासा किया।
उप महानिरीक्षक (ईओयू) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि इस मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें अभ्यर्थी, परीक्षा केंद्र के मालिक, कर्मचारी और आईटी प्रबंधक शामिल हैं। गिरफ्तार लोगों के पास से कई डिजिटल उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम व क्रेडिट कार्ड, और आधार कार्ड जब्त किए गए। ईओयू और पटना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान पाया गया कि परीक्षा केंद्र के कर्मचारी प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट व्यूइंग एप्लिकेशन के जरिये सॉल्वर गिरोह को प्रश्न हल करने में मदद कर रहे थे। यह गिरोह वास्तविक समय में प्रश्नपत्र हल कर रहा था।
परीक्षा के आयोजन में पुणे स्थित एक आईटी कंपनी भी शामिल थी। डीआईजी ढिल्लों ने बताया कि केंद्र के कर्मचारियों ने गिरोह को कंप्यूटर सिस्टम तक अनधिकृत पहुंच प्रदान की। जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जो सॉल्वर गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार करने और गड़बड़ियों की तह तक जाने का काम करेगी। इस घटना ने बिहार में परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने परीक्षा रद्द करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।