देवघर : सावन की सोमवारी को द्वादश ज्योतिर्लिंग के जलार्पण का विशेष महत्व होता है। आज दूसरी सोमवारी के साथ नवमी तिथि पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। यही कारण है कि देवघर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। जिला उपायुक्त विशाल सागर देर रात से सभी गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं। आज की पूजा से संपुष्ट सिद्धि मिलेगी। वरिष्ठ पुरोहित पंडित दुर्लभ मिश्रा के अनुसार, श्रावण मास की दूसरी सोमवारी और नवमी तिथि का दुर्लभ संयोग शिव आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ है। इस दिन शिवलिंग की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।समुद्र मंथन में श्रावण के दूसरे सोमवार को ऐरावत हाथी की प्राप्ति हुई थी, जो धन और वैभव का प्रतीक है। इसलिए आज लाखों श्रद्धालु देवघर पहुंचे हैं। सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा से संतान, धन, व्यापार में वृद्धि, ऋण मुक्ति, और उधारी राशि की प्राप्ति होती है।
पंडित मिश्रा बताते हैं कि सावन में पार्थिव शिवलिंग पर दूध, दही, घी, मधु, शक्कर, इत्र, पुष्प, चावल, चंदन आदि से पूजा करने पर भोलेनाथ कृपा करते हैं। इससे संतान प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि, और ऋण मुक्ति होती है।आज मंदिर में सुबह से भारी भीड़ है। बाबा मंदिर का पट सुबह 4:02 पर श्रद्धालुओं के जलार्पण के लिए खोल दिया गया था। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की है। उपायुक्त विशाल सागर और अन्य अधिकारी निरंतर निगरानी कर रहे हैं। मंदिर परिसर हर हर महादेव और बोल बम के जयकारों से गूंज रहा है।