सरायकेला ( संजीव मेहता): आध्यात्मिक संस्था आनंद मार्ग ने अपने स्थापना दिवस पर 1 जनवरी से 9 जनवरी तक अभियान चलाकर 100 लोगों का निशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं लैंस प्रत्यारोपण कराया है, जो एक रिकॉर्ड है. बता दें कि बिहार के मुंगेर- जमालपुर से 9 जनवरी 1955 को स्थापित आनंद मार्ग का स्वास्तिक झंडा अभी दुनिया के 180 देशों में अपना परचम लहरा रहा है. संस्था का उद्देश्य सबको एक साथ लेकर चलने में ही समाज की सार्थकता है. हर एक मनुष्य को शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में विकसित होने का अधिकार है. यही संस्था का मूलमंत्र है.
आनंद मार्ग अपने स्थापना दिवस के अवसर पर सोनारी, कदमा, बिष्टुपुर, गदरा तथा विभिन्न धर्म चक्र यूनिटों में ईश्वर प्रणिधान किया. साथ ही इस उपलक्ष में 1 जनवरी से 9 जनवरी तक दृष्टि सेवा महाअभियान के तहत लगभग 100 लोगों का निशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं लैंस प्रत्यारोपण पूर्णिमा नेत्रालय में कराया है. जिसमें 60 महिला एवं 40 पुरुष शामिल थे. आनंद मार्ग के सुनील आनंद ने कहा कि 9 जनवरी 1955 को स्थापित आनंद मार्ग का स्वास्तिक झंडा दुनिया के 180 देशों में अपना परचम लहरा रहा है. उन्होंने कहा कि श्री आनंदमूर्ति जी का जन्म 1921 में वैशाखी पूर्णिमा के दिन बिहार के जमालपुर में एक साधारण परिवार में हुआ था. परिवार का दायित्व निभाते हुए वे सामाजिक समस्याओं के कारण का विश्लेषण उनके निदान ढूंढने एवं लोगों को योग, साधना आदि की शिक्षा देने में अपना समय देने लगे. 9 जनवरी सन् 1955 में बिहार राज्य के मुंगेर जिला के जमालपुर में उन्होंने आनंद मार्ग प्रचारक संघ की स्थापना की. आज आनंद मार्ग 180 से भी ज्यादा देशों में अपने सेवा मूलक कार्य एवं आध्यात्मिक साधना के बल पर विभिन्न देशों में आध्यात्मिक संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है. संयुक्त राष्ट्र संघ से भी आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम को मान्यता मिल चुकी है.