रांची : राज्य सरकार ने बीते दो महीनों में प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। विभिन्न विभागों में वित्तीय गड़बड़ियों और नियमों के उल्लंघन के आरोपों के चलते तीन अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है, जबकि एक अधिकारी को निंदन की सजा दी गई है। मनरेगा योजना के तहत मिट्टी-मोरम पथ निर्माण में अनियमितताओं को लेकर अड़की की पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी मेरी मड़की के खिलाफ जांच शुरू की गई है। उन पर बिना कार्य किए भुगतान करने, फर्जी मस्टर रोल तैयार करने और योजनाओं की निगरानी में लापरवाही बरतने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। सरकार ने इन आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पथ निर्माण विभाग में टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन संयुक्त सचिव एवं आंतरिक वित्तीय सलाहकार संजय कुमार प्रसाद के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है। उनके कार्यकाल के दौरान नियमों की अनदेखी कर अत्यधिक कम दरों पर निविदा स्वीकार करने का मामला सामने आया है। यह घोटाला लोक निर्माण विभाग संहिता, 2012 के नियम 183(A) के उल्लंघन से जुड़ा है।
पूर्व अंडर सेक्रेटरी अनिल कुमार सिंह पर बिना अनुमति के लंबे समय तक कार्यालय से अनुपस्थित रहने का आरोप है। राज्य सरकार ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है।
वंशीधर नगर पंचायत, गढ़वा के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार पर सोलर लाइट और फॉगिंग मशीन की खरीद में गड़बड़ी करने का आरोप है। जांच में सामने आया कि ये उपकरण निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदे गए थे, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।
नामकुम के पूर्व अंचल अधिकारी मनोज कुमार को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी उपलब्ध न कराने और आयोग के समक्ष सही जवाब न देने के कारण निंदन की सजा दी गई है। इस सजा के तहत उनकी प्रोन्नति रोक दी गई है और इसका उल्लेख उनकी सर्विस बुक में किया गया है।