सरायकेला / (संजीव मेहता) : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत दीप प्रज्वलन के साथ की गई। नेताजी सुभाष के जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन वक्तव्य में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि ने कहा कि नेताजी का वक्तित्व भारत के इतिहास में एक विशिष्ट पहचान रखता है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को याद रखना ना केवल हम सबका मौलिक कर्तव्य है, बल्कि हमरी वर्त्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी यह नितांत आवश्यक है कि वो नेताजी के विषय में अधिक से अधिक जाने और उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करें। कार्यक्रम के अगले चरण में स्वागत नृत्य के माध्यम से विद्यार्थियों ने सभागार में उपस्थित दर्शकों के सामने देशभक्ति से भरे ओजपूर्ण भावनाओं का प्रदर्शन किया। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने नेताजी की जीवनी पर आधारित नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से नेताजी के व्यक्तित्व, उनके त्याग और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके व्यापक योगदान और आजाद भारत के लोगों के लिए उनके दृष्टिकोण को रेखांकित किया। नेताजी की जीवनी पर ही आधारित विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा बनाए गए वृत्त चित्र की फिल्म स्क्रीनिंग की गई।
कार्यक्रम में काव्य पाठ, एक्सटेम्पोर और पोस्टर प्रदर्शनी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। इन प्रतियोगिताओं में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रथम सत्र के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतियोगिताओं में विजयी हुए प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण के साथ कार्यक्रम का आधिकारिक समापन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि, प्रति कुलपति प्रो. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. मोईज़ अशरफ, अकादमिक अधिष्ठाता प्रो. दिलीप शोम, अनुशासन विभाग के अधिष्ठाता प्रो. नाज़िम खान, विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।